Abstract: खीरा (Cucumber) एक प्रमुख सब्जी है जिसे वैज्ञानिक रूप से कुकुमिस सटिवस (Cucumis sativus) के नाम से जाना जाता है और यह कुकुर्बिटेसी (Cucurbitaceae) परिवार का सदस्य है। इसका उत्पत्ति स्थल भारत माना जाता है। खीरे का उपयोग मुख्य रूप से सलाद, सूप, और अचार बनाने में होता है, साथ ही यह सौंदर्य प्रसाधनों और त्वचा की देखभाल में भी प्रयुक्त होता है। खीरे का 95% भाग पानी होता है, जिससे यह शरीर में जल की मात्रा को बनाए रखने में सहायक है और इसमें विटामिन K, विटामिन C, पोटैशियम, और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। खीरे की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु उपयुक्त होती है, और 18°C से 30°C तापमान इसके लिए आदर्श माना जाता है। बलुई दोमट मिट्टी में इसका अच्छा उत्पादन होता है। खेत की तैयारी, उन्नत किस्मों का चयन, और बीज का उचित उपचार इस खेती के मुख्य चरण होते हैं। उर्वरक और सिंचाई के संतुलित उपयोग से पैदावार बढ़ाई जा सकती है। फसल की कटाई 50-60 दिनों के भीतर की जाती है और औसतन पैदावार 33-42 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। खेती में टपक सिंचाई, मल्चिंग, और उर्वरक प्रबंधन जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग बेहतर उत्पादन के लिए किया जा सकता है, और जैविक खेती से गुणवत्ता और बाजार मूल्य में वृद्धि की जा सकती है
Author: संदीप कुमार यादव एवं अंबिकेश त्रिपाठी
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